अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संघ द्वारा 1922 में अपनाए गए सिद्धांतों के कथन के अंश*
1. क्रांतिकारी यूनियनवाद खुद को वर्ग-संघर्ष पर आधारित करता है। यह वेतन प्रणाली और राज्य व्यवस्था दोनों के उन्मूलन के लिए लड़ने वाले आर्थिक और सामाजिक संगठनों में सभी श्रमिकों की एकता और एकजुटता स्थापित करने का काम करता है। ना तो राज्य और ना ही राजनीतिक दल आर्थिक संगठन और मजदूरों को आज़ादी दिला सकते हैं।
2. क्रांतिकारी यूनियनवाद का मानना है की आर्थिक और सामाजिक तंत्र पर कुछ लोगों के कब्जे को कृषि और औद्योगिक श्रमिकों के आजाद और स्व-प्रबंधित समितियों और यूनियनों से बदला जाना चाहिए।
3. क्रांतिकारी यूनियनवाद का दो-गुना कार्य आज की परिस्थिति में मजदूरों के आर्थिक, सामाजिक और बौद्धिक स्तर में सुधार हासिल करना और पृथ्वी और उत्पादन के संस्थानों पर मजदूरों के कब्जे के ज़रिये स्वतंत्र स्व-प्रबंधित उत्पादन और वितरण प्रणाली हासिल करना हैं। राज्य और राजनीतिक दलों के बजाय, श्रम का आर्थिक संगठन। लोगों पर सरकार के राज के बजाए, लोगों का चीज़ों के प्रशासन पर नियंत्रण।
4. क्रांतिकारी यूनियनवाद आधारित है फेडरलिस्म, खुले समझौते और साझे आकांक्षाओं और साझे हितों से एकजुटता के आधार पर जमीनी संगठनों से शुरू होते हुए स्थानीय, जिला, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संघों पर। फेडरलिस्म के अंदर हर इकाई को अपने क्षेत्र में पूर्ण स्वायत्तता और स्वतंत्रता प्राप्त है, एक बड़े संगठन का हिस्सा होने के फायदे के साथ।
5. क्रांतिकारी यूनियनवाद राष्ट्रवाद, जो राज्य का धर्म है और सभी मनमानी सीमाओं को ख़ारिज करता है। यह केवल स्वतंत्र रूप से अपने जीवन के तरीके का आनंद लेते प्राकृतिक समुदायों के स्व-शासन को मान्यता देता है। लगातार फेडरेशन से बाकि संघठनो के साथ खुले सहयोग का लाभ लेते हुए।
6. क्रांतिकारी यूनियनवाद खुद को आर्थिक सीधी कार्रवाई पर आधारित करते हुए वो सभी संघर्षों का समर्थन करता है जो इसके सिद्धांतों से मेल खाते हैं – आर्थिक एकाधिकार और राज्य के वर्चस्व का उन्मूलन। सीधी कार्रवाई के साधन हड़ताल, बहिष्कार और सीधी कार्रवाई के अन्य रूप हैं जो की श्रमिकों द्वारा उनके संघर्षों के दौरान विकसित किये गए, श्रम के सबसे प्रभावी हथियार की ओर अग्रसर, जनरल स्ट्राइक – सामाजिक क्रांति की प्रस्तावना।
* इस अनुवाद में छोटे बदलाव किए गए हैं। जैसे “मैनुअल और बौद्धिक श्रम” का अनुवाद किया गया है “सभी श्रमिक”।